Baghel
Institute
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DOAP
DOAP
DOAP
Diploma In Office Automation & Publishing
DURATION 1 YEAR
Eligibility 10th / 12th
SEMESTER - 1
-
Computer Concept & Fundamentals
-
Operating System
-
MS-Office (MS-Word, MS- Excel, MS-PowerPoint, MS-Access)
-
HTML & Front Page
-
Lab-I
SEMESTER - 2
-
Basics of Financial Accounting
-
Computerized Accounting Through Tally
-
D.T.P. (Page Maker, Corel Draw, Photoshop)
-
Computer Network & Internet
-
Lab-II
Diploma In Office Automation & Publishing
DURATION 1 YEAR
Eligibility 10th / 12th
SEMESTER - 1
-
Computer Concept & Fundamentals
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Operating System
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MS-Office (MS-Word, MS- Excel, MS-PowerPoint, MS-Access)
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HTML & Front Page
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Lab-I
SEMESTER - 2
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Basics of Financial Accounting
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Computerized Accounting Through Tally
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D.T.P. (Page Maker, Corel Draw, Photoshop)
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Computer Network & Internet
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Lab-II
Diploma In Office Automation & Publishing
DURATION 1 YEAR
Eligibility 10th / 12th
SEMESTER - 1
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Computer Concept & Fundamentals
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MS-Office (MS-Word, MS- Excel, MS-PowerPoint, MS-Access)
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HTML & Front Page
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Lab-I
SEMESTER - 2
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Basics of Financial Accounting
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Computerized Accounting Through Tally
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D.T.P. (Page Maker, Corel Draw, Photoshop)
-
Computer Network & Internet
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Lab-II
3.1 परिचय
• मापन प्रणाली (Measurement System):
• यांत्रिक और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में उपयोगी।
• घटक: सेंसर, एक्ट्यूएटर्स, ट्रांसड्यूसर्स, और सिग्नल प्रोसेसिंग डिवाइस।
• उपयोग: कार्य करना और मापन करना, जैसे LED जलाना या स्विच सिग्नल पढ़ना।
• मेकाट्रॉनिक्स सिस्टम:
• सेंसर, कंट्रोलर और एक्ट्यूएटर को जोड़ता है।
• घटक:
• सेंसिंग यूनिट: फिल्टर, एम्पलीफायर, और सिग्नल कंडीशनर शामिल हो सकते हैं।
• कंट्रोलर: जानकारी प्रोसेस करता है और निर्णय लेता है।
• एक्ट्यूएटिंग यूनिट: एक्ट्यूएटर, पावर सप्लाई और कपलिंग मेकैनिज्म शामिल होते हैं।
• लाइनर और रोटेशनल पोज़ीशन सेंसर:
• मेकाट्रॉनिक्स सिस्टम में मुख्य मापन।
• उदाहरण: IoT डिवाइस जो सेंसर और एक्ट्यूएटर्स को इंटरनेट से जोड़ते हैं।
3.2 सेंसर
• परिभाषा: सेंसर ऐसे उपकरण हैं जो भौतिक बदलावों को पहचानते हैं और उन्हें मापने योग्य संकेतों में बदलते हैं।
• उदाहरण: पारा थर्मामीटर तापमान मापता है।
• आउटपुट सिग्नल्स: इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, या मैग्नेटिक।
• IoT में भूमिका:
• स्वचालन (Automation) और नियंत्रण बढ़ाता है।
• उदाहरण:
• चिकित्सा निगरानी: रक्तचाप और शुगर स्तर ट्रैक करना।
• ऊर्जा संरक्षण: उपकरणों को सही सेटिंग पर चलाना।
• स्मार्ट फ्रिज: इन्वेंट्री कम होने पर अलर्ट देना।
• सेंसर और ट्रांसड्यूसर का अंतर:
• सेंसर: भौतिक परिवर्तनों को पहचानता है।
• ट्रांसड्यूसर: ऊर्जा को एक रूप से दूसरे रूप में बदलता है।
• उदाहरण: थर्मोकपल ताप ऊर्जा को वोल्टेज में बदलता है।
• ट्रांसड्यूसर के प्रकार:
• एक्टिव ट्रांसड्यूसर: बाहरी पावर की आवश्यकता होती है (जैसे स्ट्रेन गेज)।
• पैसिव ट्रांसड्यूसर: इनपुट ऊर्जा का सीधा उपयोग करता है (जैसे थर्मोकपल)।
बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
1. सेंसर का मुख्य कार्य क्या है?
A. ऊर्जा को नियंत्रित करना
B. भौतिक बदलावों को पहचानना और मापना
C. आउटपुट सिग्नल्स जनरेट करना
D. ऊर्जा को एक रूप से दूसरे में बदलना
उत्तर: B
2. कौन-सा ट्रांसड्यूसर पैसिव ट्रांसड्यूसर है?
A. स्ट्रेन गेज
B. थर्मोकपल
C. एक्सेलेरोमीटर
D. पोटेंशियोमीटर
उत्तर: B
3. मेकाट्रॉनिक्स सिस्टम में नियंत्रण एल्गोरिदम कौन संचालित करता है?
A. सेंसर
B. कंट्रोलर
C. एक्ट्यूएटर
D. ट्रांसड्यूसर
उत्तर: B
4. ऊर्जा संरक्षण में IoT कैसे सहायक है?
A. स्विच से संकेत पढ़कर
B. सही सेटिंग का सुझाव देकर और स्वचालित नियंत्रण से
C. तापमान को मैन्युअली समायोजित करके
D. डिवाइस को दूर से बंद करके
उत्तर: B
5. एक्टिव ट्रांसड्यूसर का आउटपुट क्या होता है?
A. एनालॉग सिग्नल
B. डिजिटल सिग्नल
C. बाहरी पावर के साथ प्रपोर्शनल आउटपुट
D. बिना बाहरी पावर के वोल्टेज
उत्तर: C
3.3 सेंसर का वर्गीकरण
• पावर की आवश्यकता के आधार पर:
• एक्टिव सेंसर: बाहरी पावर की आवश्यकता होती है (जैसे स्ट्रेन गेज)।
• पैसिव सेंसर: ऊर्जा मापी जा रही मात्रा से प्राप्त होती है (जैसे थर्मोकपल)।
• आउटपुट प्रकार के आधार पर:
• एनालॉग सेंसर:
• निरंतर सिग्नल उत्पन्न करता है।
• उदाहरण: गति, तापमान, और दबाव सेंसर।
• डिजिटल सेंसर:
• अलग-अलग (डिजिटल) सिग्नल उत्पन्न करता है।
• उदाहरण: पुश बटन स्विच।
• विशेष सेंसर:
• इनवर्स सेंसर: भौतिक मात्रा को बदलकर वापस पहचानने की क्षमता।
• उदाहरण: माइक्रोफोन और स्पीकर में उपयोग होने वाले पिज़ोइलेक्ट्रिक क्रिस्टल।
सेंसर के उपयोग
• निकटता मापन (Proximity): वस्तु की उपस्थिति मापने के लिए।
• उदाहरण: मोबाइल फोन, पार्किंग सेंसर।
• तापमान मापन (Temperature): गर्मी मापने के लिए।
• उदाहरण: थर्मोकपल, RTDs।
• स्थिति मापन (Position): गति या दिशा मापने के लिए।
• उदाहरण: एक्सेलेरोमीटर, गाइरोस्कोप।
• दबाव मापन (Pressure): बल मापने के लिए।
• उदाहरण: स्ट्रेन गेज।
• ध्वनि मापन (Sound): ध्वनि रिकॉर्ड और आउटपुट करने के लिए।
• उदाहरण: माइक्रोफोन, स्पीकर।
• गति मापन (Speed): गति मापने के लिए।
• उदाहरण: टेकोमीटर।
MCQs (प्रश्न और उत्तर)
1. पार्किंग में उपयोग होने वाला सेंसर कौन-सा है?
A. थर्मोकपल
B. प्रॉक्सिमिटी सेंसर
C. गाइरोस्कोप
D. माइक्रोफोन
उत्तर: B
2. गति मापने वाला सेंसर कौन-सा है?
A. दबाव सेंसर
B. एक्सेलेरोमीटर
C. इंफ्रारेड सेंसर
D. स्ट्रेन गेज
उत्तर: B
3. डिजिटल सेंसर का उदाहरण क्या है?
A. पुश-बटन स्विच
B. RTD
C. थर्मोकपल
D. अल्ट्रासोनिक सेंसर
उत्तर: A
4. तापमान मापने वाला सेंसर कौन-सा है?
A. एक्सेलेरोमीटर
B. थर्मोकपल
C. पिज़ोइलेक्ट्रिक क्रिस्टल
D. हॉल इफ़ेक्ट सेंसर
उत्तर: B
5. पिज़ोइलेक्ट्रिक क्रिस्टल कंपन पर क्या प्रतिक्रिया देता है?
A. आकार बदलता है
B. वोल्टेज उत्पन्न करता है
C. गर्मी उत्पन्न करता है
D. प्रकाश उत्सर्जित करता है
उत्तर: B
3.4 सेंसर के प्रकार (Types of Sensors)
3.4.1 पोजीशन सेंसर (Position Sensor)
• पोजीशन सेंसर किसी वस्तु की स्थिति को मापते हैं।
• प्रकार:
• एब्सोल्यूट सेंसर: वस्तु की स्थिर स्थिति मापते हैं।
• डिस्प्लेसमेंट सेंसर: वस्तु की सापेक्ष स्थिति मापते हैं।
• उदाहरण: रेखीय (Linear), कोणीय (Angular) या मल्टी-एक्सिस सेंसर।
3.4.2 ऑक्यूपेंसी और मोशन सेंसर (Occupancy and Motion Sensors)
• ऑक्यूपेंसी सेंसर: क्षेत्र में व्यक्तियों या जानवरों की उपस्थिति का पता लगाते हैं।
• उदाहरण: इलेक्ट्रिक आई, रडार।
• मोशन सेंसर: किसी वस्तु या व्यक्ति की गति का पता लगाते हैं।
• अंतर: ऑक्यूपेंसी सेंसर स्थिर स्थिति में भी सिग्नल देते हैं, जबकि मोशन सेंसर नहीं।
3.4.3 वेग और त्वरण सेंसर (Velocity and Acceleration Sensors)
• वेग सेंसर: किसी वस्तु की गति को रेखीय (Linear) या कोणीय (Angular) रूप में मापते हैं।
• उदाहरण: ऑब्जेक्ट की गति और घूर्णन दर।
3.4.4 बल सेंसर (Force Sensors)
• भौतिक बल के होने और उसकी सीमा पार करने का पता लगाते हैं।
• उदाहरण: फोर्स गेज, टैक्टाइल (स्पर्श) सेंसर।
3.4.5 दबाव सेंसर (Pressure Sensors)
• द्रव या गैस के दबाव को मापते हैं।
• उपयोग: IoT सिस्टम में, जो मानक दबाव सीमा में बदलाव पर अलर्ट देते हैं।
• उदाहरण: बैरोमीटर, पीजोमीटर।
3.4.6 फ्लो सेंसर (Flow Sensors)
• तरल के प्रवाह दर या मात्रा को मापते हैं।
• उदाहरण: एनिमोमीटर, वाटर मीटर।
3.4.7 ध्वनि सेंसर (Acoustic Sensors)
• ध्वनि स्तरों को मापते हैं और डिजिटल या एनालॉग डेटा में बदलते हैं।
• उदाहरण: माइक्रोफोन, जियोफोन।
3.4.8 आर्द्रता सेंसर (Humidity Sensors)
• वायु में जल वाष्प (नमी) की मात्रा का पता लगाते हैं।
• उपयोग: औद्योगिक, पर्यावरणीय और बायोमेडिकल अनुप्रयोग।
• उदाहरण: हाईग्रोमीटर, सॉइल मॉइश्चर सेंसर।
3.4.9 प्रकाश सेंसर (Light Sensors)
• प्रकाश (दृश्यमान या अदृश्य) की उपस्थिति का पता लगाते हैं।
• उदाहरण: इंफ्रारेड सेंसर, फोटो-डिटेक्टर।
3.4.10 विकिरण सेंसर (Radiation Sensors)
• वातावरण में विकिरण का पता लगाते हैं।
• उदाहरण: सिंटिलेटर, न्यूट्रॉन डिटेक्टर।
3.4.11 तापमान सेंसर (Temperature Sensors)
• सिस्टम में गर्मी या ठंडक मापते हैं।
• प्रकार:
• संपर्क सेंसर: वस्तु के संपर्क में रहकर मापते हैं।
• गैर-संपर्क सेंसर: विकिरण और संवहन से मापते हैं।
• उदाहरण: थर्मामीटर, तापमान गेज।
3.4.12 रासायनिक सेंसर (Chemical Sensors)
• रासायनिक परिवर्तनों का पता लगाते हैं।
• उपयोग: वायु गुणवत्ता निगरानी और औद्योगिक प्रसंस्करण।
• उदाहरण: ब्रेथलाइजर, स्मोक डिटेक्टर।
3.4.13 इमेज सेंसर (Image Sensors)
• प्रकाशीय छवियों को इलेक्ट्रॉनिक संकेतों में बदलते हैं।
• उपयोग: डिजिटल कैमरा, मेडिकल इमेजिंग।
3.4.14 ऑप्टिकल सेंसर (Optical Sensors)
• प्रकाश की मात्रा को मापते हैं और इसे इलेक्ट्रिकल सिग्नल में बदलते हैं।
• उदाहरण: फाइबर ऑप्टिक्स, पायरोमीटर।
3.4.15 गैस सेंसर (Gas Sensors)
• गैस की उपस्थिति और रिसाव का पता लगाते हैं।
• उपयोग: वायु गुणवत्ता और खतरनाक गैसों की निगरानी।
• उदाहरण: ऑयल और गैस इंडस्ट्री, कोयला खदानें।
3.4.16 अल्ट्रासोनिक सेंसर (Ultrasonic Sensors)
• मानव सुनने की सीमा से अधिक आवृत्ति (>20 kHz) का उपयोग करते हैं।
• उपयोग: दूरी और वस्तु की उपस्थिति मापना।
3.4.17 हॉल सेंसर (Hall Sensors)
• चुंबकीय क्षेत्र की उपस्थिति का पता लगाते हैं और वोल्टेज सिग्नल में बदलते हैं।
• उपयोग: चुंबकीय क्षेत्र का मापन।
3.4.18 इंफ्रारेड सेंसर (Infrared Sensors)
• इंफ्रारेड विकिरण का पता लगाते हैं और गर्मी मापते हैं।
• उपयोग: स्वास्थ्य निगरानी (ब्लड फ्लो, ब्लड प्रेशर)।
3.4.19 बायोसेंसर (Biosensors)
• जैविक प्रक्रियाओं में परिवर्तन का पता लगाते हैं और इसे इलेक्ट्रिकल सिग्नल में बदलते हैं।
• उपयोग: ग्लूकोज मापने वाले उपकरण, चिकित्सा और खाद्य प्रसंस्करण।
3.4.20 माइक्रो और नैनो सेंसर (Micro and Nano Sensors)
• पारंपरिक सेंसर का छोटा और उन्नत संस्करण।
• उपयोग: मेडिकल टेक्नोलॉजी, नैनो टेक्नोलॉजी।
महत्वपूर्ण सेंसर के उपयोग
1. एलडीआर (LDR): प्रकाश तीव्रता पर आधारित प्रतिरोध।
2. थर्मोकपल: तापमान मापने के लिए वोल्टेज सिग्नल देता है।
3. स्ट्रेन गेज: दबाव का पता लगाकर इसे विद्युत संकेतों में बदलता है।
4. माइक्रोफोन: ध्वनि संकेत को विद्युत सिग्नल में बदलता है।
5. निकटता सेंसर: वस्तु की उपस्थिति का पता लगाता है।
MCQs
1. पोजीशन सेंसर क्या मापता है?
A. गति
B. स्थिति
C. दबाव
D. तापमान
उत्तर: B
2. ऑक्यूपेंसी सेंसर और मोशन सेंसर में क्या अंतर है?
A. ऑक्यूपेंसी सेंसर गति मापता है।
B. ऑक्यूपेंसी सेंसर स्थिर स्थिति में सिग्नल देता है।
C. मोशन सेंसर स्थिर स्थिति मापता है।
D. मोशन सेंसर हमेशा सिग्नल देता है।
उत्तर: B
3. वेग सेंसर क्या मापता है?
A. स्थिति
B. गति
C. तापमान
D. दबाव
उत्तर: B
4. बल सेंसर किसका पता लगाते हैं?
A. गति
B. दबाव
C. बल
D. प्रकाश
उत्तर: C
5. अल्ट्रासोनिक सेंसर किस आवृत्ति पर काम करते हैं?
A. 20 हर्ट्ज से कम
B. 20 किलोहर्ट्ज से अधिक
C. 20 हर्ट्ज से 20 किलोहर्ट्ज के बीच
D. 50 किलोहर्ट्ज से अधिक
उत्तर: B
3.5 सेंसर चुनने के मापदंड
किसी भौतिक मापदंड को मापने के लिए सेंसर का चयन करते समय कई स्थिर और गतिशील कारकों पर विचार करना चाहिए। नीचे कुछ मुख्य मापदंड दिए गए हैं:
1. रेंज (Range):
• सेंसर द्वारा मापी जाने वाली अधिकतम और न्यूनतम मान के बीच का अंतर।
2. रिज़ॉल्यूशन (Resolution):
• सेंसर द्वारा पहचानी जाने वाली सबसे छोटी मापी जाने वाली परिवर्तनशीलता।
3. सटीकता (Accuracy):
• मापे गए मान और वास्तविक मान के बीच का अंतर।
4. सटीक दोहराव (Precision):
• बार-बार मापने पर समान सटीक परिणाम देने की क्षमता।
5. संवेदनशीलता (Sensitivity):
• इनपुट और आउटपुट के बीच परिवर्तन का अनुपात।
6. मजबूती (Ruggedness):
• अत्यधिक परिचालन स्थितियों में सेंसर की स्थायित्व।
7. रेखीयता (Linearity):
• वास्तविक और आदर्श मापन वक्र के बीच का विचलन प्रतिशत।
8. हिस्टेरेसिस (Hysteresis):
• इनपुट बढ़ाने और घटाने के दौरान आउटपुट में अधिकतम अंतर।
9. प्रतिक्रिया समय (Response Time):
• इनपुट और आउटपुट के बीच का समय अंतराल।
10. बैंडविड्थ (Bandwidth):
• वह आवृत्ति जहां आउटपुट की तीव्रता कम हो जाती है।
11. अनुनाद (Resonance):
• वह आवृत्ति जहां आउटपुट की तीव्रता अधिकतम हो जाती है।
12. संचालन तापमान (Operating Temperature):
• वह तापमान सीमा जिसमें सेंसर सही तरीके से काम करता है।
13. सिग्नल-टू-नॉइज़ अनुपात (Signal-to-Noise Ratio):
• आउटपुट सिग्नल और शोर के बीच का अनुपात।
14. मापी जा रही मापदंड (Type of Sensing):
• सेंसर द्वारा मापी जाने वाली भौतिक मात्रा (जैसे तापमान, दबाव)।
15. पावर खपत (Power Consumption):
• सेंसर द्वारा खपत की जाने वाली ऊर्जा।
16. लागत (Cost):
• बजट के अनुसार सेंसर का चयन।
17. दोहराव क्षमता (Repeatability):
• एक जैसे इनपुट पर समान आउटपुट देने की क्षमता।
18. स्थिरता (Stability):
• समय के साथ समान इनपुट पर स्थिर आउटपुट देने की क्षमता।
3.6 एक्ट्यूएटर्स
• एक्ट्यूएटर्स सेंसर से प्राप्त ऊर्जा या जानकारी को भौतिक क्रिया में बदलते हैं।
• उद्देश्य: वस्तुओं को हिलाना, गर्म/ठंडा करना, या सिस्टम को नियंत्रित करना।
• मुख्य घटक:
1. कंट्रोल कमांड: आमतौर पर एक विद्युत सिग्नल।
2. पावर सप्लाई: निर्दिष्ट वोल्टेज और करंट पर एसी या डीसी पावर प्रदान करता है।
3. कपलिंग मैकेनिज्म: एक्ट्यूएटर और फिजिकल सिस्टम को जोड़ता है।
• कार्यप्रणाली:
• इनपुट ऊर्जा को गति या यांत्रिक ऊर्जा में बदलता है।
• उपयोग: स्क्रू, पिस्टन, लिंक के साथ।
3.7 एक्ट्यूएटर का वर्गीकरण
1. ऊर्जा स्रोत के आधार पर:
1. इलेक्ट्रिकल एक्ट्यूएटर: विद्युत द्वारा संचालित।
2. इलेक्ट्रोमैकेनिकल एक्ट्यूएटर: यांत्रिक और विद्युत क्रियाओं का संयोजन।
3. इलेक्ट्रोमैग्नेटिक एक्ट्यूएटर: चुंबकीय क्षेत्र का उपयोग।
4. हाइड्रॉलिक एक्ट्यूएटर: द्रव के दबाव का उपयोग।
5. प्न्यूमेटिक एक्ट्यूएटर: वायु दबाव का उपयोग।
6. स्मार्ट मटेरियल एक्ट्यूएटर: विशेष सामग्रियों से बने।
7. माइक्रो/नैनो एक्ट्यूएटर: उन्नत अनुप्रयोगों के लिए छोटे आकार।
2. आउटपुट स्टेट्स के आधार पर:
1. बाइनरी एक्ट्यूएटर: दो स्थिर अवस्थाएं (उदाहरण: रिले)।
2. कंटीन्यूस एक्ट्यूएटर: छोटे-छोटे स्थिर आउटपुट (उदाहरण: स्टेपर मोटर)।
3. गति के आधार पर:
1. लीनियर एक्ट्यूएटर:
• सीधी गति उत्पन्न करते हैं।
• आमतौर पर पुश/पुल अनुप्रयोगों में उपयोग।
2. रोटरी एक्ट्यूएटर:
• घूर्णी गति प्रदान करते हैं।
बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
1. सेंसर में रिज़ॉल्यूशन क्या दर्शाता है?
A. अधिकतम सीमा
B. न्यूनतम मापने योग्य परिवर्तन
C. स्थिरता
D. प्रतिक्रिया समय
उत्तर: B
2. एक्ट्यूएटर का मुख्य कार्य क्या है?
A. गति को ऊर्जा में बदलना
B. ऊर्जा को गति में बदलना
C. भौतिक मात्रा मापना
D. सिग्नल उत्पन्न करना
उत्तर: B
3. वायु दबाव द्वारा संचालित एक्ट्यूएटर को क्या कहते हैं?
A. हाइड्रॉलिक
B. प्न्यूमेटिक
C. इलेक्ट्रोमैकेनिकल
D. स्मार्ट मटेरियल
उत्तर: B
4. सेंसर में हिस्टेरेसिस क्या दर्शाता है?
A. सटीकता का विचलन
B. इनपुट बढ़ाने और घटाने पर आउटपुट में अंतर
C. स्थायित्व
D. प्रतिक्रिया समय
उत्तर: B
5. कंटीन्यूस एक्ट्यूएटर का उदाहरण क्या है?
A. रिले
B. स्टेपर मोटर
C. सोलनॉइड
D. हाइड्रॉलिक पंप
उत्तर: B
3.7 एक्ट्यूएटर्स का वर्गीकरण (Classification of Actuators)
एक्ट्यूएटर वे उपकरण हैं जो ऊर्जा को गति या यांत्रिक ऊर्जा में बदलते हैं। यहां एक्ट्यूएटर्स के प्रकार, उनके काम करने के तरीके और उपयोग की जानकारी दी गई है।
3.7.1 इलेक्ट्रिकल एक्ट्यूएटर्स (Electrical Actuators)
• परिभाषा (Definition):
• ये एक्ट्यूएटर विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा (Mechanical Energy) में बदलते हैं।
• कार्य सिद्धांत (Working Principle):
• चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic Field) और विद्युत प्रवाह ले जाने वाले चालक (Current-Carrying Conductors) के बीच क्रिया द्वारा बल उत्पन्न करते हैं।
• लाभ (Advantages):
• साफ और तेल-मुक्त संचालन (Clean and Oil-Free Operation)।
• औद्योगिक प्रशंसकों, पंपों, घरेलू उपकरणों और पावर टूल्स में उपयोग।
3.7.2 इलेक्ट्रोमैकेनिकल एक्ट्यूएटर्स (Electromechanical Actuators)
• परिभाषा (Definition):
• ये एक्ट्यूएटर विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक गति (Mechanical Motion) में बदलते हैं।
प्रमुख प्रकार (Types):
1. डीसी मोटर (DC Motors):
• परिवर्ती गति (Variable Speed) पर चलते हैं।
• कम्यूटेटर (Commutator) द्वारा गति और स्थिति नियंत्रित होती है।
• उपयोग: रोबोटिक्स, वाहनों और घरेलू उपकरणों में।
2. एसी मोटर (AC Motors):
• स्थिर गति (Constant Speed) पर चलते हैं।
• प्रकार:
• इंडक्शन मोटर (Induction Motor): सरल, शक्तिशाली और रखरखाव मुक्त।
• सिंक्रोनस मोटर (Synchronous Motor): उच्च दक्षता (High Efficiency), लागत कम करने के लिए उपयोग।
• यूनिवर्सल मोटर (Universal Motor): एसी और डीसी दोनों पर काम कर सकते हैं।
3. स्टेपर मोटर (Stepper Motors):
• डिजिटल पल्स को घूर्णी गति (Rotational Motion) में बदलते हैं।
• उपयोग: औद्योगिक नियंत्रण प्रणालियों और रोबोटिक्स में।
4. सर्वो मोटर (Servo Motors):
• उच्च गति और स्थिति की सटीकता (High Speed and Positional Accuracy) प्रदान करते हैं।
• उपयोग: रोबोटिक्स और सीएनसी मशीनरी।
3.7.3 इलेक्ट्रोमैग्नेटिक एक्ट्यूएटर्स (Electromagnetic Actuators)
• सोलनॉइड एक्ट्यूएटर (Solenoid Actuators):
• चुंबकीय क्षेत्र से लोहे के कोर को धक्का देना या खींचना।
• उपयोग: रिले और स्विच में।
• इलेक्ट्रोमैग्नेट्स (Electromagnets):
• बड़े बल उत्पन्न करते हैं।
• औद्योगिक भार उठाने के लिए उपयोग।
3.7.4 हाइड्रॉलिक एक्ट्यूएटर्स (Hydraulic Actuators)
• परिभाषा (Definition):
• द्रव शक्ति (Hydraulic Fluid Power) का उपयोग कर रेखीय, घूर्णी या दोलन गति उत्पन्न करते हैं।
• उपयोग (Applications):
• क्रेन, खुदाई मशीन और कार जैक।
• लाभ (Advantages):
• बड़े बल उत्पन्न कर सकते हैं।
• हानि (Disadvantages):
• जटिल और बार-बार रखरखाव की आवश्यकता।
3.7.5 प्न्यूमेटिक एक्ट्यूएटर्स (Pneumatic Actuators)
• परिभाषा (Definition):
• संकुचित गैस (Compressed Gas) का उपयोग कर गति उत्पन्न करते हैं।
• उपयोग (Applications):
• उन प्रणालियों में जहां सटीकता की आवश्यकता नहीं होती।
• हानि (Disadvantages):
• शोर (Noise), भारी (Bulky), और स्थानांतरित करना कठिन।
3.7.6 स्मार्ट मटेरियल एक्ट्यूएटर्स (Smart Material Actuators)
• परिभाषा (Definition):
• विशेष सामग्री का उपयोग जो बाहरी उत्तेजनाओं जैसे ताप, वोल्टेज, या चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic Field) पर प्रतिक्रिया करती है।
प्रकार (Types):
1. शेप मेमोरी अलॉय (Shape Memory Alloy - SMA):
• तापमान परिवर्तन पर अपना पूर्व निर्धारित आकार प्राप्त करते हैं।
2. पीजोइलेक्ट्रिक एक्ट्यूएटर (Piezoelectric Actuator):
• वोल्टेज के आधार पर फैलते या सिकुड़ते हैं।
3. मैग्नेटोस्ट्रिक्टिव एक्ट्यूएटर (Magnetostrictive Actuator):
• चुंबकीय क्षेत्र पर यांत्रिक विकृति उत्पन्न करते हैं।
4. आयन एक्सचेंज पॉलिमर (Ion Exchange Polymer):
• कृत्रिम मांसपेशियों और अंगों में उपयोग।
3.7.7 माइक्रो एक्ट्यूएटर्स (Micro Actuators)
• परिभाषा (Definition):
• माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक प्रक्रियाओं से विकसित छोटे एक्ट्यूएटर।
• उपयोग (Applications):
• जैव-चिकित्सा उपकरण, सटीक मशीनरी, और रोबोटिक्स।
बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
1. कौन सा एक्ट्यूएटर संकुचित गैस का उपयोग करता है?
A. हाइड्रॉलिक एक्ट्यूएटर
B. प्न्यूमेटिक एक्ट्यूएटर
C. इलेक्ट्रोमैग्नेटिक एक्ट्यूएटर
D. स्मार्ट मटेरियल एक्ट्यूएटर
उत्तर: B
2. हाइड्रॉलिक एक्ट्यूएटर्स का मुख्य लाभ क्या है?
A. शोर-मुक्त संचालन
B. बड़े बल उत्पन्न करना
C. सरल डिजाइन
D. रखरखाव की आवश्यकता नहीं
उत्तर: B
3. कौन सा एक्ट्यूएटर डिजिटल पल्स को घूर्णी गति में बदलता है?
A. सर्वो मोटर
B. स्टेपर मोटर
C. यूनिवर्सल मोटर
D. पीजोइलेक्ट्रिक एक्ट्यूएटर
उत्तर: B
4. शेप मेमोरी अलॉय (SMA) में उपयोग की जाने वाली सामग्री कौन सी है?
A. कॉपर और जिंक
B. निकेल और टाइटेनियम
C. आयरन और क्रोमियम
D. एल्युमिनियम और निकेल
उत्तर: B
5. सर्वो मोटर किसके लिए उपयुक्त है?
A. सटीक स्थिति और उच्च गति
B. भारी लोड उठाने
C. शोर-मुक्त संचालन
D. दीर्घकालिक संचालन
उत्तर: A
3.8 माइक्रोकंट्रोलर (Microcontroller)
माइक्रोकंट्रोलर एक छोटा, स्वतंत्र सिस्टम है जिसमें CPU, मेमोरी, और इनपुट/आउटपुट (I/O) उपकरण एक ही चिप में जुड़े होते हैं। इसका उपयोग विशेष कार्यों के लिए एंबेडेड सिस्टम में किया जाता है।
माइक्रोकंट्रोलर के मुख्य घटक (Key Components of a Microcontroller)
1. CPU (सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट):
• अंकगणित, लॉजिक और डेटा संचालन को निष्पादित करता है।
• माइक्रोकंट्रोलर का दिमाग।
2. मेमोरी (Memory):
• RAM (रैंडम एक्सेस मेमोरी): प्रोग्राम निष्पादन के दौरान अस्थायी डेटा संग्रहीत करता है।
• ROM (रीड ओनली मेमोरी): प्रोग्राम को स्थायी रूप से संग्रहीत करता है।
3. I/O पोर्ट्स (इनपुट/आउटपुट पोर्ट्स):
• सेंसर, डिस्प्ले और मोटर्स जैसे बाहरी उपकरणों के साथ संचार को सक्षम बनाते हैं।
4. पेरिफेरल्स (Peripherals):
• अतिरिक्त सुविधाएं जैसे ADC (एनालॉग से डिजिटल कन्वर्टर), DAC (डिजिटल से एनालॉग कन्वर्टर), SPI, I²C और USB।
माइक्रोकंट्रोलर की विशेषताएं (Features of a Microcontroller)
1. सिंगल-चिप एकीकरण: CPU, मेमोरी, और पेरिफेरल्स को एक चिप में जोड़ता है।
2. कार्य-विशिष्ट: एक ही प्रोग्राम को बार-बार निष्पादित करने के लिए डिज़ाइन किया गया।
3. कम पावर खपत: बैटरी संचालित उपकरणों के लिए आदर्श।
4. कॉम्पैक्ट और किफायती: एंबेडेड सिस्टम के आकार और लागत को कम करता है।
माइक्रोकंट्रोलर के लाभ (Advantages of Microcontrollers)
1. स्वतंत्र डिज़ाइन: न्यूनतम बाहरी घटकों की आवश्यकता।
2. प्रोग्रामेबल I/O पोर्ट्स: विशेष अनुप्रयोगों के लिए अनुकूलन योग्य।
3. लागत-प्रभावी: डिज़ाइन और निर्माण लागत को कम करता है।
4. ऊर्जा-कुशल: CMOS तकनीक का उपयोग, जिससे कम ऊर्जा खपत होती है।
माइक्रोकंट्रोलर की सीमाएं (Disadvantages of Microcontrollers)
1. सीमित गणना शक्ति: केवल छोटे अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त।
2. फिक्स्ड मेमोरी: बड़े प्रोग्रामों के लिए अपग्रेड नहीं किया जा सकता।
3. लचीलापन की कमी: एक ही चिप में सभी घटक फिक्स होते हैं।
4. विशिष्ट अनुप्रयोगों के लिए डिज़ाइन: अन्य कार्यों में सीमित उपयोग।
माइक्रोकंट्रोलर के उपयोग (Applications of Microcontrollers)
1. उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स: वॉशिंग मशीन, माइक्रोवेव और एयर कंडीशनर।
2. ऑटोमोटिव: इंजन नियंत्रण, एबीएस, और एयरबैग सिस्टम।
3. चिकित्सा उपकरण: ग्लूकोज मीटर, हार्ट रेट मॉनिटर।
4. औद्योगिक स्वचालन: रोबोटिक्स, कन्वेयर बेल्ट, और मॉनिटरिंग सिस्टम।
3.9 माइक्रोकंट्रोलर का वर्गीकरण (Classification of Microcontrollers)
माइक्रोकंट्रोलर्स को बस चौड़ाई, मेमोरी संरचना, इंस्ट्रक्शन सेट, और I/O पिन्स के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है।
1. बस चौड़ाई (Bus Width)
डेटा प्रोसेसिंग की मात्रा को परिभाषित करता है।
• 8-बिट माइक्रोकंट्रोलर:
• सरल कार्यों के लिए उपयोग।
• उदाहरण: Intel 8051।
• 16-बिट माइक्रोकंट्रोलर:
• अधिक सटीकता और जटिल कार्यों को संभालता है।
• उदाहरण: Intel 8096।
• 32-बिट माइक्रोकंट्रोलर:
• रोबोटिक्स और चिकित्सा उपकरणों जैसे उन्नत अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त।
2. मेमोरी संरचना (Memory Structure)
1. एम्बेडेड मेमोरी माइक्रोकंट्रोलर:
• सभी मेमोरी घटक चिप में ही शामिल।
• उदाहरण: 8051 माइक्रोकंट्रोलर।
2. बाहरी मेमोरी माइक्रोकंट्रोलर:
• मेमोरी के लिए बाहरी चिप की आवश्यकता।
• उदाहरण: Intel 8031।
3. इंस्ट्रक्शन सेट (Instruction Set)
1. CISC (कॉम्प्लेक्स इंस्ट्रक्शन सेट कंप्यूटर):
• जटिल निर्देशों को सीधे हार्डवेयर में निष्पादित करता है।
• अधिकांश सामान्य माइक्रोकंट्रोलर इसका अनुसरण करते हैं।
2. RISC (रिड्यूस्ड इंस्ट्रक्शन सेट कंप्यूटर):
• सरल और तेज संचालन के लिए डिज़ाइन।
4. I/O पिन्स की संख्या (Number of I/O Pins)
• अनुप्रयोग आवश्यकताओं के अनुसार विभिन्न पिन आकार।
• उदाहरण: रोबोटिक्स सिस्टम में अधिक पिन्स की आवश्यकता।
3.10 माइक्रोकंट्रोलर का आरेख (Microcontroller Diagram)
डायग्राम में माइक्रोकंट्रोलर और उसके मुख्य घटकों का स्पष्ट चित्रण है। यदि अधिक जानकारी या स्पष्टीकरण चाहिए, तो बताएं।
3.11 माइक्रोकंट्रोलर के प्रकार
माइक्रोकंट्रोलर को उनकी आर्किटेक्चर, फीचर्स और उपयोग के आधार पर विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है। नीचे प्रमुख माइक्रोकंट्रोलर प्रकारों का विस्तृत विवरण दिया गया है:
3.11.1 8051 माइक्रोकंट्रोलर
• निर्माता: इंटेल (1981)।
• आर्किटेक्चर: 8-बिट माइक्रोकंट्रोलर, 40 पिन।
• मुख्य विशेषताएं:
• 8-बिट CPU, जो 8-बिट डेटा को प्रोसेस करता है।
• प्रोग्राम मेमोरी (ROM): स्थायी स्टोरेज के लिए।
• डेटा मेमोरी (RAM): अस्थायी डेटा के लिए।
• इंटरप्ट्स: एक्सटर्नल इंटरप्ट 0 और 1, टाइमर इंटरप्ट 0 और 1, सीरियल पोर्ट इंटरप्ट।
• चार 8-बिट प्रोग्रामेबल I/O पोर्ट्स।
• 12 MHz ऑपरेटिंग फ्रीक्वेंसी के साथ ऑन-चिप ऑस्सीलेटर।
• CISC आर्किटेक्चर, वॉन न्यूमैन संरचना के साथ।
• उपयोग:
ऊर्जा प्रबंधन, टचस्क्रीन, ऑटोमोबाइल, रोबोटिक्स, मेडिकल उपकरण, और होम ऑटोमेशन।
• उदाहरण:
टीवी, गेराज डोर ओपनर, होम सिक्योरिटी सिस्टम।
3.11.2 AVR माइक्रोकंट्रोलर
• निर्माता: एटमल कॉर्पोरेशन (1996)।
• आर्किटेक्चर: RISC (रिड्यूस्ड इंस्ट्रक्शन सेट कंप्यूटर) के साथ हार्वर्ड संरचना।
• प्रकार:
1. TinyAVR: छोटी मेमोरी, साधारण कार्यों के लिए।
2. MegaAVR: मध्यम मेमोरी (256 KB तक) और जटिल कार्यों के लिए।
3. XmegaAVR: उच्च गति और बड़ी मेमोरी के साथ उन्नत कार्यों के लिए।
• मुख्य विशेषताएं:
• 16 KB फ्लैश मेमोरी।
• आंतरिक ऑस्सीलेटर और 10-बिट ADC।
• 256 KB तक सेल्फ-प्रोग्रामेबल फ्लैश मेमोरी।
• 1.8V पर कम वोल्टेज संचालन।
• उपयोग:
होम ऑटोमेशन, रोबोटिक्स, बायोमेडिकल डिवाइस, और ऑटोमोबाइल।
3.11.3 PIC माइक्रोकंट्रोलर
• निर्माता: माइक्रोचिप टेक्नोलॉजी।
• आर्किटेक्चर: RISC (रिड्यूस्ड इंस्ट्रक्शन सेट कंप्यूटर)।
• मुख्य विशेषताएं:
• उच्च क्लॉक स्पीड और कुशल कोड निष्पादन।
• हार्वर्ड आर्किटेक्चर का समर्थन।
• एनालॉग इंटरफेसिंग के लिए अतिरिक्त सर्किटरी की आवश्यकता नहीं।
• USB/सीरियल पोर्ट कनेक्टिविटी।
• उपयोग:
स्मार्टफोन, गेमिंग पेरिफेरल्स, ऑडियो उपकरण, और चिकित्सा उपकरण।
3.11.4 ARM माइक्रोकंट्रोलर
• निर्माता: एकॉर्न कंप्यूटर्स (1985)।
• आर्किटेक्चर: RISC आधारित 32-बिट और 64-बिट कोर।
• मुख्य विशेषताएं:
• मल्टी-कोर प्रोसेसर, जो उच्च प्रदर्शन और गति प्रदान करते हैं।
• फिक्स्ड इंस्ट्रक्शन लेंथ, जिससे तेज प्रोसेसिंग होती है।
• वॉन न्यूमैन या हार्वर्ड आर्किटेक्चर के साथ संगत।
• IoT और मिनिएचर उपकरणों के लिए उपयुक्त।
• उपयोग:
स्मार्टफोन, टैबलेट, मल्टीमीडिया प्लेयर्स, और IoT डिवाइस।
3.11.5 Renesas माइक्रोकंट्रोलर
• विशेष उपयोग: ऑटोमोटिव और औद्योगिक अनुप्रयोग।
• मुख्य विशेषताएं:
• मल्टी-कोर तकनीक के साथ कम पावर खपत।
• इंडस्ट्रियल डिज़ाइन के लिए 5V ऑपरेशन।
• उच्च मेमोरी वेरिएंट (8 MB तक फ्लैश मेमोरी)।
• सुरक्षा सुविधाओं का एकीकरण।
• उपयोग:
औद्योगिक स्वचालन, मोटर नियंत्रण, चिकित्सा उपकरण, और संचार प्रणाली।
तुलनात्मक तालिका
माइक्रोकंट्रोलर आर्किटेक्चर मुख्य विशेषताएं उपयोग
8051 CISC 8-बिट CPU, 4 I/O पोर्ट्स, इंटरप्ट्स टीवी, होम ऑटोमेशन, रोबोटिक्स
AVR RISC फ्लैश मेमोरी, ADC, कम वोल्टेज संचालन टचस्क्रीन, रोबोटिक्स, ऑटोमोबाइल
PIC RISC उच्च क्लॉक स्पीड, एनालॉग इंटरफेसिंग स्मार्टफोन, चिकित्सा उपकरण
ARM RISC 32/64-बिट मल्टी-कोर प्रोसेसर, कम IoT, स्मार्टफोन, टैबलेट
पावर खपत
Renesas Multi-Core उच्च प्रदर्शन, 5V संचालन, सुरक्षा विशेषताएं औद्योगिक स्वचालन, मोटर नियंत्रण
3.12 माइक्रोकंट्रोलर के उपयोग (Applications of Microcontrollers)
माइक्रोकंट्रोलर छोटे, कुशल और लागत-प्रभावी उपकरण हैं जिनका उपयोग मापन (Measuring), निगरानी (Monitoring), गणना (Calculating), नियंत्रण (Controlling) और प्रदर्शन (Displaying) जैसे कार्यों में किया जाता है।
मुख्य उपयोग:
1. ऑटोमोबाइल उद्योग (Automobile Industry):
• इंजन नियंत्रण प्रणाली (Engine Control System), एयरबैग (Airbags), और एबीएस (ABS)।
• उदाहरण: एडवांस ड्राइवर सहायता प्रणाली।
2. उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स (Consumer Electronics):
• डिजिटल कैमरे, वाशिंग मशीन, ओवन, और डीवीडी प्लेयर।
3. परीक्षण और मापन उपकरण (Test and Measurement Equipment):
• मल्टीमीटर, ऑस्सिलोस्कोप और फंक्शन जनरेटर।
4. संचार उपकरण (Communication Devices):
• प्रिंटर, राउटर, मॉडेम, और कीबोर्ड।
5. प्रकाश संवेदन और नियंत्रण उपकरण (Light Sensing and Controlling Devices):
• उदाहरण: स्वचालित LED लाइट और मोशन-कंट्रोल स्ट्रीट लाइट।
6. तापमान संवेदन उपकरण (Temperature Sensing Devices):
• उदाहरण: माइक्रोवेव ओवन और स्मार्ट थर्मोस्टेट।
7. आग का पता लगाने और सुरक्षा उपकरण (Fire Detection and Safety Devices):
• उदाहरण: फायर अलार्म और स्मोक डिटेक्टर।
8. चिकित्सा उपकरण (Medical Devices):
• ग्लूकोमीटर और रक्तचाप मॉनिटर।
9. औद्योगिक स्वचालन (Industrial Automation):
• रोबोटिक्स और कन्वेयर सिस्टम।
10. खिलौने और मनोरंजन (Toys and Entertainment):
• गेमिंग कंसोल और रोबोटिक खिलौने।
3.13 एंबेडेड सिस्टम (Embedded Systems)
एंबेडेड सिस्टम हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का संयोजन है जो एक विशिष्ट कार्य (Specific Task) करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह स्वतंत्र रूप से काम कर सकता है या किसी बड़े सिस्टम का हिस्सा हो सकता है।
उदाहरण:
• फायर अलार्म: धुआं पहचानकर अलर्ट करना।
• वॉशिंग मशीन: प्री-प्रोग्राम धोने के चक्र।
• मिसाइल मार्गदर्शन प्रणाली: मिसाइल की दिशा को नियंत्रित करना।
3.13.1 एंबेडेड सिस्टम के घटक (Components of Embedded Systems)
1. प्रोसेसर (Processor):
• सिस्टम का केंद्रीय भाग।
• सामान्य प्रोसेसर, माइक्रोकंट्रोलर या एप्लिकेशन-विशिष्ट प्रोसेसर हो सकता है।
2. मेमोरी (Memory):
• ROM: प्रोग्राम को स्टोर करती है।
• RAM: अस्थायी डेटा और वैरिएबल्स को स्टोर करती है।
3. पेरिफेरल्स (Peripherals):
• बाहरी उपकरणों के साथ बातचीत के लिए।
• उदाहरण: सेंसर और डिस्प्ले।
4. सॉफ्टवेयर (Software):
• हार्डवेयर संचालन को नियंत्रित करता है।
3.13.2 एंबेडेड सिस्टम की विशेषताएं (Characteristics of Embedded Systems)
1. विशिष्ट कार्य (Dedicated Task): एक ही कार्य बार-बार करता है।
2. छोटा आकार (Compact Size): एक चिप में फिट हो जाता है।
3. रीयल-टाइम प्रोसेसिंग (Real-Time Processing): डेटा को तुरंत प्रोसेस करता है।
4. ऊर्जा दक्षता (Energy Efficiency): कम ऊर्जा का उपयोग।
5. विश्वसनीयता (Reliability): लगातार और सटीक संचालन।
3.14 रीयल-टाइम एंबेडेड सिस्टम (Real-Time Embedded Systems)
रीयल-टाइम एंबेडेड सिस्टम वे होते हैं जो सीमित समय में बाहरी इनपुट का जवाब देते हैं।
3.14.1 रीयल-टाइम सिस्टम के प्रकार (Types of Real-Time Systems):
1. हार्ड रीयल-टाइम सिस्टम (Hard Real-Time Systems):
• सख्त समय सीमा का पालन आवश्यक।
• उदाहरण: फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम और मिसाइल मार्गदर्शन।
2. सॉफ्ट रीयल-टाइम सिस्टम (Soft Real-Time Systems):
• समय सीमा में लचीलापन।
• उदाहरण: डीवीडी प्लेयर और मौसम मॉनिटरिंग सिस्टम।
MCQs (बहुविकल्पीय प्रश्न)
1. माइक्रोकंट्रोलर का मुख्य उपयोग किसमें होता है?
a) सामान्य कंप्यूटर
b) इंजन नियंत्रण
c) स्मार्टफोन ऐप्स
d) गेमिंग कंसोल
उत्तर: b) इंजन नियंत्रण
2. एंबेडेड सिस्टम का उदाहरण क्या है?
a) डेस्कटॉप कंप्यूटर
b) वॉशिंग मशीन
c) टीवी रिमोट
d) प्रिंटर
उत्तर: b) वॉशिंग मशीन
3. एंबेडेड सिस्टम में प्रोग्राम को कहाँ स्टोर किया जाता है?
a) RAM
b) ROM
c) कैश
d) ईईप्रोम
उत्तर: b) ROM
4. हार्ड रीयल-टाइम सिस्टम का एक उदाहरण क्या है?
a) मौसम मॉनिटरिंग
b) फ्लाइट कंट्रोल
c) डीवीडी प्लेयर
d) मोबाइल फोन
उत्तर: b) फ्लाइट कंट्रोल
5. एंबेडेड सिस्टम की मुख्य विशेषता क्या है?
a) उच्च ऊर्जा खपत
b) बड़ी मेमोरी
c) विशिष्ट कार्य बार-बार करना
d) सॉफ्टवेयर अपडेट
उत्तर: c) विशिष्ट कार्य बार-बार करना
3.15 माइक्रोप्रोसेसर (Microprocessor)
माइक्रोप्रोसेसर एक एकीकृत सर्किट (Integrated Circuit - IC) है जिसमें केंद्रीय प्रसंस्करण इकाई (Central Processing Unit - CPU) होती है। यह सभी गणनात्मक (Computational - गणितीय) और तार्किक संचालन (Logical Operations - लॉजिकल ऑपरेशन्स) करता है। माइक्रोप्रोसेसर को काम करने के लिए मेमोरी (Memory) और इनपुट/आउटपुट उपकरण (Input/Output Devices) जैसे सहायक हार्डवेयर की आवश्यकता होती है, जो आमतौर पर मदरबोर्ड पर मौजूद होते हैं (देखें Figure 3.27)।
मुख्य कार्य:
• इनपुट डिवाइस (Input Devices): से डेटा लेना।
• डेटा प्रोसेसिंग (Data Processing): निर्देशों के अनुसार डेटा को प्रोसेस करना।
• आउटपुट डिवाइस (Output Devices): के माध्यम से परिणाम प्रदान करना।
उदाहरण:
• Intel Pentium, Core i3, i5, i7, i9 प्रोसेसर।
3.16 माइक्रोप्रोसेसर का विकास (Evolution of Microprocessor)
पहला माइक्रोप्रोसेसर, Intel 4004, वर्ष 1971 में लॉन्च हुआ। इसमें 2300 ट्रांजिस्टर (Transistors) थे और यह प्रति सेकंड 60,000 गणनाएँ (Calculations) कर सकता था।
महत्वपूर्ण चरण:
1. Intel 4004 (1971): 4-बिट माइक्रोप्रोसेसर, जिसका उपयोग कैलकुलेटर (Calculator) में किया गया।
2. Intel 8086 (1978): 16-बिट माइक्रोप्रोसेसर, प्रारंभिक पर्सनल कंप्यूटर में उपयोग।
3. Intel 80386 (1990): पहला 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर, मल्टीटास्किंग (Multitasking) में सक्षम।
4. Pentium (1993): ऑनबोर्ड मैथ को-प्रोसेसर और उच्च दक्षता के साथ।
5. Core Processors (2006): डुअल-कोर और क्वाड-कोर प्रोसेसर, तेज गति और समानांतर कंप्यूटिंग (Parallel Computing) सक्षम।
3.17 माइक्रोप्रोसेसर के मुख्य भाग (Major Parts of Microprocessor)
1. गणितीय और तार्किक इकाई (Arithmetic Logical Unit - ALU):
• सभी गणितीय और तार्किक संचालन करता है।
• उदाहरण: जोड़, घटाव, तुलना।
2. नियंत्रण इकाई (Control Unit - CU):
• पूरे संचालन को नियंत्रित करता है।
• मेमोरी और इनपुट/आउटपुट उपकरण के बीच डेटा स्थानांतरित करता है।
3.18 माइक्रोप्रोसेसर की विशेषताएँ (Characteristics of Microprocessor)
1. निर्देश सेट (Instruction Set):
• माइक्रोप्रोसेसर द्वारा निष्पादित निर्देशों का सेट।
2. शब्द लंबाई (Word Length):
• माइक्रोप्रोसेसर द्वारा एक बार में प्रोसेस किए गए बिट्स की संख्या।
• सामान्य शब्द लंबाई: 8-बिट, 16-बिट, 32-बिट, 64-बिट।
3. क्लॉक गति (Clock Speed):
• प्रति सेकंड प्रोसेसिंग के लिए उत्पन्न पल्स की संख्या।
• इसे MHz (मेगाहर्ट्ज) या GHz (गीगाहर्ट्ज) में मापा जाता है।
3.19 माइक्रोप्रोसेसर का वर्गीकरण (Classification of Microprocessors)
1. बिट चौड़ाई के आधार पर (Based on Bit Width):
• 8-बिट माइक्रोप्रोसेसर:
• एक बार में 8 बिट्स प्रोसेस करता है।
• उदाहरण: Intel 8085।
• 16-बिट माइक्रोप्रोसेसर:
• एक बार में 16 बिट्स प्रोसेस करता है।
• उदाहरण: Intel 80286।
• 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर:
• पीसी में उपयोग होता है, मल्टीटास्किंग सक्षम।
• उदाहरण: Intel Pentium, AMD Sempron।
• 64-बिट माइक्रोप्रोसेसर:
• हाई-एंड सर्वर और वर्कस्टेशन में उपयोग।
• उदाहरण: AMD Athlon, Intel Core i9।
2. निर्देश सेट के आधार पर (Based on Instruction Set):
• CISC (Complex Instruction Set Computing):
• डेस्कटॉप और सर्वर में उपयोग।
• RISC (Reduced Instruction Set Computing):
• एप्लायंसेज जैसे ओवन और एयर कंडीशनर में उपयोग।
• EPIC (Explicitly Parallel Instruction Computing):
• RISC और CISC के फीचर्स का संयोजन।
MCQs (बहुविकल्पीय प्रश्न)
1. माइक्रोप्रोसेसर का मुख्य कार्य क्या है?
a) डेटा स्टोरेज
b) डेटा प्रोसेसिंग
c) डेटा स्थानांतरण
d) डेटा डिलीट
उत्तर: b) डेटा प्रोसेसिंग
2. पहला माइक्रोप्रोसेसर कौन सा था?
a) Intel 8085
b) Intel 4004
c) Intel Pentium
d) Intel Core i3
उत्तर: b) Intel 4004
3. क्लॉक गति किसे मापती है?
a) मेमोरी का आकार
b) प्रोसेसिंग की गति
c) बिट चौड़ाई
d) निर्देश सेट
उत्तर: b) प्रोसेसिंग की गति
4. हाई-एंड वर्कस्टेशन में कौन सा प्रोसेसर उपयोग होता है?
a) 16-बिट प्रोसेसर
b) 32-बिट प्रोसेसर
c) 64-बिट प्रोसेसर
d) 8-बिट प्रोसेसर
उत्तर: c) 64-बिट प्रोसेसर
5. RISC का पूर्ण रूप क्या है?
a) Reduced Instruction Set Computing
b) Random Instruction Set Computing
c) Reliable Instruction System Configuration
d) Recursive Instruction Set Coding
उत्तर: a) Reduced Instruction Set Computing
3.20 CISC (Complex Instruction Set Computer)
CISC stands for Complex Instruction Set Computer. यह एक प्रकार का माइक्रोप्रोसेसर आर्किटेक्चर है जिसमें जटिल और बड़ी संख्या में निर्देश (instructions) होते हैं। इसे इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि यह विभिन्न कंप्यूटर प्रोसेसिंग क्षमताओं को अधिक कुशलता से प्रदान कर सके।
CISC के गुण (Features of CISC):
1. बड़े निर्देश सेट (Large Instruction Set):
• CISC प्रोसेसर में बहुत सारे निर्देश होते हैं जो जटिल कार्यों को सरल बनाते हैं।
(Instruction Set: निर्देशों का समूह जो प्रोसेसर निष्पादित करता है।)
2. विभिन्न एड्रेसिंग मोड्स (Multiple Addressing Modes):
• एड्रेसिंग मोड्स का उपयोग डेटा को स्टोर करने या पुनः प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
3. माइक्रोप्रोग्रामिंग (Microprogramming):
• प्रत्येक निर्देश के लिए माइक्रोप्रोग्राम निष्पादित किया जाता है।
• माइक्रोप्रोग्राम ROM में स्टोर होता है, जिसे आसानी से बदला जा सकता है।
(ROM: डेटा स्टोर करने की एक मेमोरी जो सिर्फ पढ़ी जा सकती है।)
4. कॉम्प्लेक्स लेकिन कम प्रभावी (Complex but Less Efficient):
• CISC प्रोसेसर जटिल होते हैं और इन्हें बनाना महंगा होता है।
उदाहरण (Example):
• Cyrix 6x86 Processor: एक 32-बिट CISC प्रोसेसर।
3.21 RISC (Reduced Instruction Set Computer)
RISC का अर्थ है Reduced Instruction Set Computer। यह CISC के विपरीत है। RISC प्रोसेसर का डिज़ाइन सरल और तेज़ होता है। इसमें कम लेकिन प्रभावी निर्देश (simple instructions) होते हैं।
RISC के गुण (Features of RISC):
1. छोटे निर्देश सेट (Small Instruction Set):
• केवल आवश्यक और सरल निर्देश।
2. फिक्स्ड और सरल निर्देश फॉर्मेट (Fixed Instruction Format):
• सरल फॉर्मेट, जिसे समझना आसान है।
3. कम एड्रेसिंग मोड्स (Fewer Addressing Modes):
• केवल आवश्यक एड्रेसिंग मोड्स।
4. हार्डवायर्ड नियंत्रण (Hardwired Control):
• नियंत्रण हार्डवेयर में एम्बेडेड होता है, जिससे प्रोसेसिंग तेज़ होती है।
5. उच्च गति (High Speed):
• RISC मशीनें CISC मशीनों की तुलना में 5 से 10 गुना तेज़ होती हैं।
उदाहरण (Examples):
• Sun Microsystems SPARC, Intel i860, Motorola 88000।
3.22 EPIC (Explicitly Parallel Instruction Computing)
EPIC का अर्थ है Explicitly Parallel Instruction Computing। यह RISC और CISC दोनों के सर्वश्रेष्ठ गुणों को मिलाकर बनाया गया है।
EPIC के गुण (Features of EPIC):
1. पैरेलल प्रोसेसिंग (Parallel Processing):
• कई निर्देशों को एक साथ निष्पादित करता है।
2. जटिल निर्देश बंडल (Complex Instruction Bundle):
• प्रत्येक निर्देश बंडल में अन्य निर्देशों के साथ समानांतर में चलने की जानकारी होती है।
उदाहरण:
• Intel Itanium प्रोसेसर।
3.23 माइक्रोप्रोसेसर की संरचना (Architecture of Microprocessor)
माइक्रोप्रोसेसर की संरचना (Architecture) विभिन्न तत्वों का भौतिक लेआउट (Physical Layout) है, जो डेटा और विद्युत प्रवाह (Electrical Flow) को नियंत्रित करता है। माइक्रोप्रोसेसर की संरचना ने सिंगल-कोर से मल्टी-कोर प्रोसेसर तक प्रगति की है।
माइक्रोप्रोसेसर के मुख्य घटक (Main Components):
1. सीपीयू (CPU - Central Processing Unit):
• सीपीयू को कंप्यूटर का “मस्तिष्क” (Brain) कहा जाता है। यह गणना (Computation) और नियंत्रण कार्य करता है।
• इसमें दो प्रमुख भाग होते हैं:
• गणितीय और तार्किक इकाई (ALU - Arithmetic Logic Unit): सभी गणनाएँ और लॉजिकल ऑपरेशन्स करता है।
• नियंत्रण इकाई (CU - Control Unit): अन्य घटकों के संचालन को नियंत्रित करता है।
2. इनपुट/आउटपुट डिवाइस (Input/Output Devices):
• डेटा को कंप्यूटर में लाना और उपयोगकर्ता को परिणाम दिखाना।
• इन्हें परिधीय उपकरण (Peripherals) भी कहा जाता है।
3. मेमोरी (Memory):
• RAM (Random Access Memory): अस्थायी डेटा भंडारण।
• ROM (Read Only Memory): स्थायी डेटा और प्रोग्राम भंडारण।
3.24 माइक्रोप्रोसेसर बनाम माइक्रोकंट्रोलर (Microprocessor vs Microcontroller)
माइक्रोप्रोसेसर माइक्रोकंट्रोलर
यह केवल CPU के रूप में काम करता है। यह एक मिनी-कंप्यूटर है जिसमें CPU, RAM, ROM और I/O पोर्ट शामिल हैं।
सामान्य प्रयोजन के लिए उपयोग किया जाता है। स्वचालित नियंत्रण उपकरणों में उपयोग किया जाता है।
मेमोरी और I/O बाहरी रूप से जोड़े जाते हैं। मेमोरी और I/O आंतरिक रूप से मौजूद होते हैं।
सर्किट बड़ा होता है। सर्किट छोटा होता है।
ऊर्जा खपत अधिक होती है। ऊर्जा खपत कम होती है।
जटिल कार्यों के लिए उपयुक्त। सरल कार्यों के लिए उपयुक्त।
मुख्य अंतर:
• माइक्रोकंट्रोलर, माइक्रोप्रोसेसर की तुलना में एकीकृत और कम लागत वाला होता है।
• माइक्रोकंट्रोलर को एम्बेडेड सिस्टम (Embedded System) में प्राथमिकता दी जाती है।
MCQs (बहुविकल्पीय प्रश्न)
1. CISC का पूरा नाम क्या है?
a) Complex Instruction Set Computing
b) Compact Instruction System Control
c) Central Instruction Set Computing
d) Common Instruction Set Computing
उत्तर: a) Complex Instruction Set Computing
2. RISC का मुख्य लाभ क्या है?
a) जटिल निर्देश सेट
b) उच्च गति और सरल डिजाइन
c) अधिक मेमोरी
d) हार्डवायर्ड नियंत्रण नहीं
उत्तर: b) उच्च गति और सरल डिजाइन
3. EPIC किस प्रकार के प्रोसेसिंग पर आधारित है?
a) क्रमिक प्रोसेसिंग
b) समानांतर प्रोसेसिंग
c) सीरियल प्रोसेसिंग
d) सिंगल प्रोसेसिंग
उत्तर: b) समानांतर प्रोसेसिंग
4. माइक्रोप्रोसेसर और माइक्रोकंट्रोलर में मुख्य अंतर क्या है?
a) मेमोरी का प्रकार
b) बिजली की खपत
c) सर्किट का आकार
d) सभी सही हैं
उत्तर: d) सभी सही हैं